सोलर कुकर के काम करने के सिद्धांत पर उपयोगी नोट्स हिंदी में | Useful Notes on the Principle of Working of Solar Cooker In Hindi - 200 शब्दों में
बॉक्स में रखी कांच की शीट सूर्य की गर्मी (किरणों) को बॉक्स की काली सतह द्वारा अवशोषित करने की अनुमति देती है लेकिन इतनी अवशोषित गर्मी को बॉक्स को आसानी से छोड़ने की अनुमति नहीं देती है।
इसका कारण यह है कि कांच में केवल ऐसे अवरक्त विकिरणों को पार करने की विशिष्ट संपत्ति होती है जिनकी तरंगदैर्घ्य दृश्य प्रकाश के निकट होती है।
यह उच्च तरंग दैर्ध्य के अवरक्त विकिरणों की अनुमति नहीं देता है। अब चूंकि बॉक्स के अंदर का तापमान अवरक्त विकिरणों के स्रोत के तापमान से कम है, बॉक्स के अंदर अवरक्त विकिरणों की तरंग दैर्ध्य बाहर की तुलना में अधिक है।
अत: डिब्बे से निकलने वाली ऊष्मा काँच की शीट से बाहर नहीं निकलती है। आगे कुकर का काला भाग अधिकतम ऊष्मा को अवशोषित करता है।
सभी सौर ताप उपकरणों की कमियां:
(i) सौर ऊर्जा अत्यधिक विसरित रूप में उपलब्ध है।
(ii) सौर ऊर्जा को केंद्रित करने और संग्रहीत करने के लिए उचित उपकरण अभी तक उपलब्ध नहीं हैं।