शिक्षा में दक्षता और पूर्णता के लिए नवीनतम, लोकप्रिय सनक ने योजनाकारों को टीवी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया है । कक्षा शिक्षण के लिए। उनका दावा है कि यह सीखने को अधिक प्रभावी और रोचक बनाता है। इसका उपयोग शिक्षा को देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में ले जाने के लिए भी किया जा रहा है।
परिणाम मूल अपेक्षाओं से कहीं अधिक उत्साहजनक हैं। इसके प्रयोग से शिक्षार्थियों की शिक्षक पर निर्भरता कम हुई है और कक्षा को उत्साह और रुचि से भर दिया है।
यह सही कहा जा सकता है कि टेलीविजन के आविष्कार ने सूचना प्रौद्योगिकी में क्रांति ला दी है। अब हम घर बैठे दूर की वस्तुओं और घटनाओं को देखने में सक्षम हैं। टेलीविजन की ऐसी ताकत है कि कई बार दुनिया के किसी भी हिस्से में होने वाली घटना को लाखों दर्शक देखते ही देखते हैं।
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टेलीविजन ने अपने दर्शकों के लिए सूचनाओं का एक व्यापक दायरा खोल दिया है। नाटक, नाटक, वृत्तचित्र, चर्चा, टॉक-शो, नृत्य, गीत आदि एक बटन के प्रेस पर हमारे सामने चमकते हैं। आज के बच्चे दुनिया को बीते जमाने के बच्चों से ज्यादा जानते हैं।
शिक्षा और सूचना में टेलीविजन की क्षमता को कई विशेषज्ञों द्वारा महसूस किया गया था और इसलिए इन दिनों कक्षाओं, सेमिनारों और चर्चाओं में बहुत व्यापक पैमाने पर इसका उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग लंबी दूरी की शिक्षा के उद्देश्य से भी बहुत अच्छे परिणामों के साथ किया जा रहा है। टेलीविजन सबक प्रदान करता है और पाठों को जीवंत बनाने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करता है।
यह कक्षा की नीरसता को जीवंत करता है। छात्र अपने लिए कई वैज्ञानिक सिद्धांत देख सकते हैं जो प्रकृति को नियंत्रित करते हैं। स्क्रीन पर लाइव उदाहरण परिभाषाओं की जटिल प्रकृति को सरल बनाते हैं। टेलीविजन हमें विभिन्न देशों में ले जाता है और हमें विभिन्न सभ्यताओं और लोगों को दिखाता है। बच्चे विभिन्न संस्कृतियों और रीति-रिवाजों से परिचित होते हैं।
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टेलीविजन के पाठों का उन छात्रों पर सकारात्मक प्रभाव पाया गया है जो पढ़ाई में रुचि नहीं रखते हैं और अक्सर बिना सोचे-समझे खेलते हैं। यह साबित हो गया है कि अगर स्कूल के अधिकारियों द्वारा टेलीविजन को शिक्षा के माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, तो छात्रों की संख्या बढ़ जाती है।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि शिक्षा के लिए टेलीविजन के प्रयोग ने शिक्षण की अवधारणा में ही क्रांति ला दी है। टेलीविजन पाठ छात्रों को अधिक चौकस, चौकस और संवादात्मक बनाते हैं।